Thursday, 10 November 2011


अलसी में लगभग 18-20 प्रतिशत ओमेगा-3 फैटी एसिड ALA होते हैं। अलसीओमेगा-3 फैटी एसिड का पृथ्वी पर सबसे बड़ा स्रोत है। हमारे स्वास्थ्य परअलसी के चमत्कारी प्रभावों को भली भांति समझने के लिए हमें ओमेगा-3 वओमेगा-6 फेटी एसिड को विस्तार से समझना होगा। ओमेगा-3 व ओमेगा-6 दोनों हीहमारे शरीर के लिये आवश्यक हैं यानी ये शरीर में नहीं बन सकते, हमेंइन्हें भोजन द्वारा ही ग्रहण करना होता है। ओमेगा-3 अलसी के अलावा मछली, अखरोट, चिया आदि में भी मिलते हैं। मछली में DHA और EPA नामक ओमेगा-3 फेटीएसिड होते हैं, ये अलसी में
मौजूद ALA से शरीर में बन जाते हैं। ओमेगा-6 मूंगफली, सोयाबीन, सेफ्लावर, मकई आदि तेलों में प्रचुर मात्रा में होताहै। ओमेगा-3 हमारे शरीर के विभिन्न अंगों विशेष तौर पर मस्तिष्क, स्नायुतंत्र व ऑखों के विकास व उनके सुचारु रुप से संचालन में महत्वपूर्णयोगदान करते हैं। हमारी कोशिकाओं की भित्तियां ओमेगा-3 युक्त फोस्फोलिपिडसे बनती हैं। जब हमारे शरीर में ओमेगा-3 की कमी हो जाती है तो येभित्तियां मुलायम व लचीले ओमेगा-3 के स्थान पर कठोर व कुरुप ओमेगा-6 फैटया ट्रांस फैट से बनती है। और यहीं से हमारे शरीर में उच्च रक्तचाप, मधुमेह प्रकार-2, आर्थ्राइटिस, मोटापा, कैंसर, आदि बीमारियों की शुरुआत होजाती है।
शरीर में ओमेगा-3 की कमी व इन्फ्लेमेशन पैदा करने वाले ओमेगा-6 के ज्यादाहो जाने से प्रोस्टाग्लेन्डिन-ई 2 बनते हैं जो लिम्फोसाइट्स व माक्रोफाजको अपने पास एकत्रित करते हैं व फिर ये साइटोकाइन व कोक्स एंजाइम कानिर्माण करते हैं। और शरीर में इनफ्लेमेशन फैलाते हैं। मैं आपको सरल तरीकेसे समझाता हूं। जिस प्रकार एक अच्छी फिल्म बनाने के लिए नायक और खलनायकदोनों ही आवश्यक होते हैं। वैसे ही हमारे शरीर के ठीक प्रकार से संचालन केलियेओमेगा-3 व ओमेगा-6 दोनों ही बराबर यानी 1:1 अनुपात में चाहिये। ओमेगा-3 नायक हैं तो ओमेगा-6 खलनायक हैं। ओमेगा-6 की मात्रा बढ़ने से हमारे शरीरमें इन्फ्लेमेशन फैलते है तो ओमेगा-3 इन्फ्लेमेशन दूर करते हैं, मरहमलगाते हैं। ओमेगा-6 हीटर है तो ओमेगा-3 सावन की ठंडी हवा है। ओमेगा-6 हमेंतनाव, सरदर्द, डिप्रेशन का शिकार बनाते हैं तो ओमेगा-3 हमारे मन कोप्रसन्न रखते है, क्रोध भगाते हैं, स्मरण शक्ति व बुद्धिमत्ता बढ़ाते हैं।ओमेगा-6 आयु कम करते हैं। तो ओमेगा-3 आयु बढ़ाते हैं। ओमेगा-6 शरीर मेंरोग पैदा करते हैं तो ओमेगा-3 हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं।पिछले कुछ दशकों से हमारे भोजन में ओमेगा-6 की मात्रा बढ़तीजा रही हैं और ओमेगा -3 की कमी होती जा रही है। मल्टीनेशनल कम्पनियों द्वारा बेचे जा रहे फास्ट फूड व जंक फूड ओमेगा-6 से भरपूर होते हैं। बाजारमें उपलब्ध सभी रिफाइंड तेल भी ओमेगा-6 फैटी एसिड से भरपूर होते हैं। हालही हुई शोध से पता चला है कि हमारे भोजन में ओमेगा-3 बहुत ही कम औरओमेगा-6 प्रचुर मात्रा में होने के कारण ही हम उच्च रक्तचाप, हृदयाघात, स्ट्रोक, डायबिटीज़, मोटापा, गठिया, अवसाद, दमा, कैंसर आदि रोगों का शिकारहो रहे हैं। ओमेगा-3 की यह कमी 30-60 ग्राम अलसी से पूरी कर सकते हैं। येओमेगा-3 ही अलसी को सुपर स्टार फूड का दर्जा दिलाते हैं। ।